नैरोबी में यूएनएफपीए का जनसंख्या और विकास पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

वर्तमान समय में लोग खुले में शौच मुक्त भारत पर खुलकर चर्चा कर रहे है उसी प्रकार हमारा प्रयास है कि हम मासिक धर्म सुरक्षा पर भी खुलकर चर्चा करे और अपनी चुप्पी को तोडे ताकि हमारी बहन-बेटियों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके
नौरोबी/ऋषिकेश। जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव और परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती जी ने नैरोबी, केन्या अफ्रीका में यू एन एफ पी ए (यूनाइटेड नेशनस पापूलेशन फण्ड) द्वारा आयोजित जनसंख्या और विकास पर अन्तर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में सहभाग किया। यह संयुक्त राष्ट्र का एक निकाय है। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न धर्मो के प्रतिनिधि, 170 देशों के 9500 से अधिक विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने सहभाग कर महिलाओं और बच्चों का विकास, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अधिकार, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती जनसंख्या वृद्धि दर पर नियंत्रण, सतत आर्थिक वृद्धि और विकास पर विस्तृत चर्चा की गयी। 25 वर्ष पूर्व प्रथम यूनाइटेड नेशनल पापूलेशन फण्ड द्धारा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था और यह इस कार्यक्रम का 25 वाँ वार्षिकोत्सव है इसका तीन दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया। 



 सन 1994 में काहिरा में आईसीपीडी का उद्देश्य जनसंख्या और विकास पर प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस अन्तर्राष्ट्रीय समारोह में साध्वी भगवती सरस्वती जी ने दो सत्रों में उद्बोधन दिया। डब्ल्यू एस एस सी सी और यू एन एफ पी ए में सत्र में मासिक धर्म सुरक्षा एवं प्रबंधन, महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर अपना उद्बोधन दिया और साध्वी जी ने इस सम्मेलन में सभी को संकल्प कराया कि हम सभी मिलकर महिलाओं की सुरक्षा के लिये वैश्विक स्तर पर कार्य करेंगे। साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस वैश्विक स्तर पर मासिक धर्म सुरक्षा और प्रबंधन, खुले में शौच मुक्त भारत के लिये कार्य कर रहा है। जब हमने इन दो विषयों पर काम करना शुरू किया तब लोग किसी धार्मिक संगठन का इन विषयों पर धार्मिक मंच से बात करना अच्छा नहीं मानते थे, इस पर बात नहीं करते थे लेकिन धीरे-धीरे स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के नेतृत्व में धर्मगुरूओं का संगठन बनते गया और वे सभी संगठित होकर खुलकर इन विषयों पर चर्चा करते हुये लोगों को जागरूक करने लगे और आज यह अभियान सफलता के शिखर पर है।
 उन्होने कहा कि जिस प्रकार वर्तमान समय में लोग खुले में शौच मुक्त भारत पर खुलकर चर्चा कर रहे है उसी प्रकार हमारा प्रयास है कि हम मासिक धर्म सुरक्षा पर भी खुलकर चर्चा करे और अपनी चुप्पी को तोडे ताकि हमारी बहन-बेटियों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके और मासिक धर्म के बिना हम अपनी पीढ़ियों को आगे नहीं बढ़ा सकते अतः यह विषय पर चुप्पी साधने का नहीं बल्कि चर्चा करने का विषय है। साध्वी जी ने कहा कि भारत में मासिक धर्म के समय लड़कियां कहती है कि ''आई एम डाउन'' अब हमारा प्रयास है कि हमारी बेटियां मासिक धर्म के समय यह कहे कि ''आई एम अप''। लड़कियों को भगवान ने जन्म देने की एक शक्ति प्रदान की है अतः यह गर्व का विषय है। इस कार्यक्रम में केन्या के राष्ट्रपति उहुरू मुइगई केन्याटा, बिल गेट्स की धर्मपत्नी मेलिंडा गेट्स, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के कार्यकारी निदेशक डाॅ नतालिया कानेम, अमीना मोहम्मद, उपमहासचिव, संयुक्त राष्ट्र फुमजिले मामल्बो-न्गुका, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी निदेशक हर महिमा महारानी माँ, ग्यालियम संगे भूटान के चोडेन वांगचुक डेनमार्क की एचआरएच क्राउन, राजकुमारी मैरी मिशेल बाचेलेट, मानवाधिकारों के लिये उच्चायुक्त सहित ही कई दशों के उच्च स्तरीय मंत्री और भारत से देबाश्री चौधरी महिला और बाल विकास राज्य मंत्री और अन्य उच्चाधिकारियों ने सहभाग किया।
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